Sunday 11 June 2017

NIM Basic Course day 3 Rock Climbing


 हमारी रोप नंबर 07

                                    NIM में ये मेरा तीसरा दिन था सुबह 4:45 पे उठ गया और रोज की तरह 5:20 तैयार होकर चाय पीने चला गया चाय भी वही, पानी ज्यादा चीनी कम, दूध का नामो निशान कही कही... पर क्या करे एनर्जी के लिए पीनी पड़ती है, 5:50 फॉल इन पे पहुंच गए रोप के हिसाब से सब खड़े होते है आपने रूकसक लेके, इसके बाद सबकी गिनती होती है जो लेट आते है उनको वही सज़ा मिलती है उट बैठक, मेढक चाल या पुशअप निकलने की । खेर में तो समय से पहुँच गया 6 am हमे यहाँ से तेखला के लिए रवाना कर दिया गया ।


सुबह निकलने के समय का नजारा

                                                               अब सबसे पहले तेखला रॉकक्लीम्बिंग साइट के बारे के कुछ जानकारी देता हूं ये जगह हमारे इंस्टिट्यूट से लगभग 9 किमी दूर है जहाँ हमने अगले कुछ दिन पैदल जाना है वो भी 20-25  kg का रकसैक उठा के, साथ में मेरे जैसे को 8 -10 किलो की रोप भी उठानी होगी । फिर वहा पे हमे रॉकक्लीम्बिंग करनी है। ये साइट गंगोत्री रोड पे ही 4 किमी चलने के बाद मुड़ने पे आती है खेर हम निकल गए कुछ दूर चलने पे अहसास हो गया कि यहाँ बहुत मुश्किल आने वाली है बहुत बहुत भारी था रूकसक बैग, नानी याद आरही थी वो भी लगातार और जोर से, NIM से निकलने के बाद थोड़ी दूर तक ढलान है जहा कुछ घर बने हुए है उन्ही में से होते हुए हम निकले, फिर एक बड़ी सड़क आजाती है जिसपे 500 मीटर चलने के बाद हमारा रास्ता बदल जाता है,  यहाँ से हम एक नीले गेट में घुस गए जो बिजली विभाग के जीएसएस का इलाका था यहाँ से हम एक पगडण्डी पकड़ के चल दिए, जो लोकल रास्ता था, इससपे थोड़ी सी दुरी पर  एक  जगह बहुत बदबू  आ रही थी शायद ऊपर कोई गाय मरी  हुयी थी,वहा से भाग के रास्ता पार किया, तब तक आगे वाले काफी दूर निकल गए तो बस भागना चालू रहा, ये लगभग 1-2 किमी भागते हुए निकल गए, फिर हमने भागीरथी नदी का पुल पार किया और उत्तरकाशी के आबादी वाले इलाके में आ गए, यहाँ से आगे चढ़ाई चालू यहाँ भागीरथी नदी के पुल पर अल्टीट्यूट 3500 फ़ीट है आगे थोड़ी थोड़ी चढ़ाई फिर उत्तरकाशी से गंगोत्री वाली सड़क पे चलना हुआ, काफी देर इस रोड  दाहिने तरफ  मोड़ थोड़ी देर चढ़ाई मिली इस चढ़ाई में तेज़ प्यास लग गयी, अब यहाँ की सबसे खास बात यहाँ पूरे रास्ते में बीच मे रुकने के लिए सिर्फ एक जगह है जहाँ आप पानी पी सकते हो, वो वो भी 5 किमी चलने के बाद आता है ओर पानी भी खुद का लाया हुआ ही पीना है, हम तक़रीबन 7:05 पे यहाँ पहुंचे, फिर हमने पानी पिया और हल्के हुए तभी चलने की सिटी बज गयी और बेग उठा के भागे, यहाँ से काफी दूर तक भागया तब जाके सभी लोग लाइन में चलने लगे, यहाँ से आगे लगातार चढ़ाई ही चढ़ाई है हालत ख़राब होने लगी फिर एक जगह थोड़ा सा शॉर्टकट लिया गया वह थोड़ी सी कच्ची सीढिया आ गयी जहा पे थोड़ा धीरे चल रहे थे तो आराम मिल गया लेकिन ऊपर चढ़ते ही काफी दूर तक फिर भागना पड़ा, फिर काफी दूर तक लगातार चलते गए और एक मोड़ पर NIM का मील का पत्थर दिखाई दिया, यहाँ से हमे ऊपर चढ़ना है सीधी खड़ी चढ़ाई 500 मीटर, खेर ये तो मैं तो आराम से चढ़ गया बस वजन थोड़ा ज्यादा लग रहा था  ऐसे करते करते 6 बजे के निकले हुए 8 बजे हम TEKHLA ROCK-CLIMBING AREA पहुंचे । फिर वहाँ पिटी में 20-30 मिनट एक्सरसाइज करवाई गई ओर उसके बाद हमारे टिफन में हमे नास्ता दिया गया 3 पूरी छोले की सब्जी साथ मे दलिया, 1 मौसमी ओर चाय भी । चलो जैसा भी था कुछ तसली मिली पेट को, मेरी तो सबसे बड़ी कमजोरी ही भूख है खा खा के पेट इतना बड़ा कर रखा है पर क्या कर सकते है भूख लगती है तो खाना चाहिए, क्यों जाट भाई । नास्ते के बाद हमारी अगली क्लास लगी रॉक क्लाइम्बिंग के सिद्धांत और क्या होती है रॉक क्लीमम्बिंग-

                                                 सच बताऊ आज तक सिर्फ फिल्मो में ही देखा था ये सब खुद करने के विचार से ही पसीने छूट रहे थे , सामने एक बोल्डर ( बड़ा पत्थर जिसमे आज तक चढ़ने का सोच भी नहीं सकता था) उसके पास खड़े है हमारे टीचर,  यहाँ की सबसे बड़ी खासियत ये ही है कि सब कुछ प्रैक्टिकल करके ही क्लास दी जाती है अब टीचर ने क्लास लेनी चालू की तो समझ आया कुछ कुछ, बाकी उन्होंने प्रक्टिकल करके दिखाया तो लगा कि शायद में भी कर लूंगा, तो ठीक है 60 मीनट की क्लास के बाद ही हमारा नंबर आगया, 10 बोल्डर पे चढ़ना था आज, अलग अलग तरह की क्लीमम्बिंग के लिए वो बोल्डर मार्क किये गए थे पर पहले पे ही चढ़ते समय समझ आगया की हम तो बस कागजी शेर है हमारे बस का ना है यह चढ़ना वढ़ना

विनोद गुसाईं (VINOD GUSAIN)

                                 इस क्लास की जानकारी से पहले आज हमें हमारे रोप के इन्सटेक्टर मिले जिनका नाम है VINOD GUSAIN, जो कि उत्तरकाशी के ही रहने वाले है, 2009 में एवरेस्ट फतेह की है उन्होंने ओर यहाँ NIM में 12 साल से इन्सटेक्टर है उसके अलावा भी उन्होने शिवलींग, भागीरथी 1-2 , सतोपंथ समिट किया हुआ है और भी काफी समिट किये है, उनका व्यवहार बहुत अच्छा लगा बात करने में एक दम सिंपल ओर मधुर भासी व्यतित्व वाले इंसान है हमारी सारी रोप को वो पसंद आये, विनोद सर बहुत ही रोचक सख्सियत है इनकी पूरी जानकारी आगे के एक लेख में दूंगा, उसके अलावा आज हमारी रोप में एक साथी नया जुड़ा जिसका नाम जय है जो कि भोपाल का रहने वाला है और पेशे से एक स्टूडेंट है उसके आने से हमारी रोप में टोटल 6 लोग हो गये ओर हमारे कौर्स में 67 ।

                                      अब वापस आते है क्लास में ... सर ने बोला सबसे पहले हम सबसे आसान वाला करते है चलो भाई करते है ...आसान वाह वाह.....  ये अगर आसान है तो मुश्किल क्या होगा पहले बोल्डर पे चढ़ते समय बस यही सोच रहा था बाप रे इतना मुश्किल होता है पत्थर पे चढ़ना, ये आज ही पता चला था एक जरुरी बात इन बोल्डर पे चढ़ने के लिए रबर सोल वाले स्पेशल शूज आते है जो कि हमे NIM ने ही दिए है, इनको PA शू भी बोलते है, उन्ही से हम धीरे धीरे  5 पत्थरो पे चढ़ गए,  अब जब हम छटे वाले पे चढ़ रहे थे तभी नए साथी जय के पैर आपने आप मुड़ने लगे शायद कुछ कमजोरी की वजह से खिंचाव आगया था, डॉक्टर वहाँ हमेशा पास ही रहते है सर ने तभी आवाज देखे डॉक्टर को बुलवा लिया और हम ने जय को छोड़ के छठे बोल्डर पे चढ़ाई चालू कर दी, टोटल 10 बोल्डर में से 1 पे मुझ से नही चढ़ा गया, बाकी पे थोड़ी या ज्यादा मेहनत और मेरे रोप के साथियो के सहयोग से चढ़ गया हमारे ग्रुप में बाकी लोग रॉक क्लीमम्बिंग पहले भी करते रहे है तो उनको कम ही मुश्किल आयी, है अंतिम वाले बोल्डर में सर ने 3  बार चढ़ाया तो हालत ख़राब हो गयी पहली बार मुश्किल से चढ़ा, बिना तकनीक इस्तेमाल किये सिर्फ जोर लगा के चढ़ गया पर सर ने दुबारा तकनीक इस्तेमाल करके चढ़ने को बोला, इस बार बोल्डर के ऊपर के हिस्से पे जाके लटक गया और बड़ी मस्कत के बाद चढ़ा पर ये भी सर को पसंद नहीं आया तो तीसरी बार चढ़ने को बोल दिया इस बार हर एक होल्डर का इस्तेमाल किया और सही चढ़ा तब छोड़ा,  तो इस तरह हमारी ये क्लास 2 बजे खत्म हुई 2 बजे तक मेरी तो हालात पतली हो गयी हाथो में भयानक दर्द हो रहा था हमारे एक लेह वाले साथी को भी काफी दर्द था पर वहा एक ही इलाज़ है भर पेट खाना खायो सब अपने आप सही हो जाएगा । फिर हमने खाना खाया आज खाने में मटर मशरूम की सब्जी साथ मे आलू पालक ओर दाल चावल मिले भर पेट खा के थोड़ी देर के लिए सो भी लिए क्योंकि अगली क्लास 3 बजे थी 30 मिनट सोने के बाद क्लास की सीटी बज गयी । अगली क्लास रॉक क्लीमम्बिंग इकुपमेंट के साथ की थी जो कि हमे कल इस्तेमाल करके रॉकक्लीम्बिंग करनी थी
       इन इकुपमेंट मे मुख्य कुछ ये है
1. रोप
2. सीट हार्नेस
3. केरावीनर (स्क्रू और प्लेन )
4. PA शू
5. पिटोन
6. लॉन्ग सीलिंग
7. शार्ट सीलिंग
8. फ्रेंड्स
इत्यादि
            
             आज की क्लास में हमे इकुप्मेंट के साथ रॉक क्लाइम्बिंग सिखायी गयी इसके सारे बेसिक्स बताये गए , जो की हमे कल करने है इस क्लास का मैंने एक वीडियो बनाया है जो की यहाँ पे डाल रहा हु बाकी क्लास की जानकारी आपको कल खुद करके ही दूंगा, क्लास के बाद हमे चाय मिली और चाय के बाद 4 बजे हम वापस निकल गए, वापसी में रोड तक पैदल फिर निम की बस में हॉस्टल आगये, यहाँ शाम को 6 बजे से 7  बजे तक खेल हुए हमारे खेलने के कुछ क्षण मैंने वीडियो में कैद किये है उसके बाद 8 बजे तक मूवी देखने को मिली आज हमे एवेरेस्ट के एक भयानक हादसे पे बनी मूवी दिखाई गयी पर अंग्रेजी में होने की वजह से कम ही लोगो को समझ आयी।  उसके बाद रात का खाना खाया और सो गए। 

आज का वीडियो -

                                        


NIM का मेरा पूरा तजुर्बा आप क्रम के हिसाब से नीचे दिए लिंक से पढ़ सकते है -
1.NIM -Nehru Institute Of​​ Mountaineering.......बेसिक कोर्स मेरे साथ
2.NIM में ट्रेनिंग का श्री गणेश DAY -1
3. NIM Basic Mountaineering Course Day-2
4. NIM Basic Course Rock Climbing DAY -3


जीएसएस के अंदर वाली पंगडंडी -




पानी पीने वाली जगह



तेखला का इलाका यहाँ से चालू होता है





500 मीटर की खड़ी चढ़ाई


क्लास लेते इंस्टेक्टर



रॉक क्लाइम्बिंग करते मनीष सर



चाय पीते मेरे साथी




शाम को दिखाई फिल्म में अवलांच का एक दर्शय








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