राकेश बिश्नोई |
मैं आपने जीवन खुश हू क्योंकि ये मुझे मेरी मंजिल की और लेके जा रहा है, घुमकड़ी ही मेरा सबसे बड़ा सपना है और जब तक जीवन है घुमकड़ी चलेगी
सबसे पहले परिचय में मैं आपको मेरे बारे में बताना चाहता हु मेरा जन्म पंजाब के अबोहर के पास एक छोटे से गांव दिवांनखेडा में हुआ है मेरा नाम राकेश बिश्नोई है और मैं खुद को एक देश हिन्दू मानता हु मैं आर्मी में जाना चाहता था पर उस समय मुझे आर्मी के बारे में जयदा जानकारी न होने के कारण मुझे बिज़नेस में आना पड़ा।
मैं अभी राजस्थान के बीकानेर जिले के छोटे से गॉव खाजूवाला का निवासी हु और दाल रोटी के लिए दिल्ली में रहता हु।
मेरा पिताजी एक किसान थे जो अब रीटायर हो गए है वैसे कभी कभी खेत भी चले जाते है मेरी माँ हाउसवाइफ है हम 3 भाई है मैं उनमे मंजला हु
बचपन से ही पढ़ाई में दिल नहीं लगता था फिर भी सबकी तरह घरवालो की पिटाई खा के थोड़ी बहुत पढ़ाई की है अभी फ़िलहाल MBA marketing में कंपलीट कर ली है
हम तीनो भाई मिलके पिछले 10 साल से बिजनेस कर रहे है
बिज़नेस की शुरुआत बहुत ज्यादा मुश्किल से हुयी कुछ साल बहुत मुश्किल से कटे है फिर भी हार नहीं मानी और लगे रहे बस फिर क्या था जैसा हमेशा होता है की, "हार नहीं मानने वाले हमेसा मुस्किलो से पार पा लेते है' और मैं आज आपसे बात करने लायक बन गया हू।
किसी दोस्त ने सच ही कहा कहा ह घुमकडी किस्मत से नहीं मिलती इसके लिए किस्मत बनानी पड़ती है और मेरा तो सबसे बड़ा सपना ही घूमना ह परिवार के साथ दोस्तों के साथ और जब कोई ना मिले तो अकेले। ......
जब तक मैं 10 क्लास पास किया था तब तक कभी अपने गांव से बहार पैर न रखा था सायद इसी लिए घूमने का भूत सवार हो गया और काम की तलाश करने लगा जिससे मेरे घूमने का सपना पूरा हो सके फिर हम भाइयो ने मिलके आपने काम चालू किया और आज घूमने का पूरा समय है।
मैं अपनी जिंदगी से बहुत खुश हु क्युकी मैं आज जो कर रहा हु उससे मेरे सरे सपने पुरे हो रहे ह मेरा परिवार बहुत ही खुशहाल है मेरे परिवार में मेरे अलावा एक छोटा भाई है और एक बड़ा भाई और भाभी जी है एक भतीजा है बड़ा ही नटखट चुलबुल है और उससे भी मेरी तरह घूमना बहुत ही ज्यादा पसंद है सब बोलते है मुझे पे गया ह इनके अलावा मां और पापा है मेरे एक चाचा और चाची है उनके है उनके 1 लड़का और 1 लड़की है मेरे दोनों भाई बहन भी बहुत अछे सवभाव के है।
मेरे बारे में और ज्यादा में आपको समय समय पे बताता रहूँग।
कौन कहता आप पहली वार लिख रहे हो ऐसा लगता नही बहुत खूब मेरे भाई मै सूखाराम विश्नोई जोधपुर राजस्थान से
ReplyDelete