Friday, 26 May 2017

NIM -Nehru Institute Of​​ Mountaineering.......मेरे साथ बेसिक कोर्स

   

Delhi to NIM

                                                                  लगभग 2 साल की कोशिश के बाद मुझे 1 मौका मिला मॉन्ट्रेनिंग का ओर वो भी NIM यानी नेहरू मॉन्ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की ओर से , मेरे एक खास दोस्त (चौधरी जी ) की मेहनत रंग लाई ओर मुझे ये मौका मिला । बहुत सुना था NIM के बारे में की ये हिन्दुस्थान की सबसे बढ़िया मॉन्ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है यहाँ आने के लिए लोग 2-3 साल इंतज़ार करते है यहाँ के इन्सटेक्टर सबसे बढ़िया होते है और बहुत ज्यादा सख्त सिस्टम है यहां का ....चलो हम भी देखते है जोर कितना बाजुएं कातिल में है
                                  NIM की ओर से लैटर आते ही मैन 7600 रु की फीस ऑनलाइन भर दी । उसके बाद उन्होंने सीट नंबर  मुझे मेल कर दी तो भरोसा हो गया कि अबकी बार Nim जाना पका है उस मेल में एक लिस्ट भी थी जो सामान साथ लेके जाना था | कुछ सामान तो मेंरे पास था कुछ इस बार डीकेथेलोन (केचुआ) से ले लिया

                           लिस्ट में सबसे पहले वुलेन कैप था जो कि मेरे पास था पर एक हैट मुझे लेना पड़ा साथ मे एक लोअर , 2 शॉर्ट्स, 1 हेड लाइट, जुराबें, ट्रैक शूट मैन ले लिया कैमरा मेरे पास था ही साथ मे मोबाइल भी बढ़िया था जूते मैन कुछ समय पहले ही wildcraft के लिए थे उसको आजमाने का समय अभी आगया, एक वुडलैंड के सैंडल रख लिए ओर बाकी सब मैंने व्यवस्था करके बैगपैक कर लिया, अब सबसे जरूरी NIM जाने का रूट पता करना था तो आपने यात्रा ग्रुप में पूछ लिया जानकारी मिली हरिद्वार या ऋषिकेश से आराम से बस मिल जाएगी सुबह सुबह,  तो रात की 10:16 की एक उत्तरप्रदेश वूल्वो कि ऋषिकेश की 743 रु में टिकट बुक करवा ली।

        एक महीने की ट्रेनिंग थी तो सबसे बड़ी समस्या थी आफिस में सब सेटिंग करने की, ऊपर से हमारे आफिस की सबसे मैन कोडिनेटर सीमा की शादी है 10 मई को तो उनको भी 1 मई से एक महीने की छुटि चाहिए थी ...समस्या तो गंभीर बन गयी पर जहा चाह वहाँ राह होती ही है तो बड़े भईया को मनाया दिल्ली आ के आफिस संभालने को ओर मैडम को बोला थोडे कम दिनों की छुट्टी लेने को ... इस तरह यात्रा की रुकावटे दूर की ।

         आखिर 22 अप्रैल के दिन आगया जिस दिन यात्रा चालू करनी थी शाम को नहा के घर से खाना बना के और भर पेट खा के निकल गया, कश्मीरी गेट बस स्टैंड जाके पता किया तो बस का डिस्पेच गेट नंबर का पता किया, 12 नंबर गेट से मेरी बस समय से निकल गयी इस बीच मेरी जाट भाई से बात हुई थी तो प्रोग्राम में थोड़ा परिवर्तन कर लिया अब मैं हरिद्वार से ही बस बदलूंगा यही सोच के 3 बजे की अलार्म लगा के सो गया, मुझे बस हो या ट्रैन या कोई भी जगह नींद बड़ी जल्दी आजाती है तो आराम से सो गया सुबह 3:15 पे उसने समय पे हरिद्वार पहुंचा दिया वहाँ फ्रेश होके उत्तरकाशी वाली बस ढूंडी 5 बजे का समय था उसका चलने का ओर 270 रु किराया।  बैग रखके में चाय पीने चला गया साथ मे थोड़ा टाइम पास भी कर लिया इधर उधर घूम के पर बस 5 की जगह 5:30 निकली हरिद्वार से, बहुत ही खटारा बस थी पूरी हिल रही आज तो उत्तरकाशी की जगह कही सीधा भगवान के पास ही न पहुंचा दे और मेरा माउंट्रेनिंग का सपना सपना ही ना रह जाये, जैसे तैसे चले फिर ऋषिकेश ओर चम्बा भी उसका 30 मिनेन्ट का स्टॉप था तो वही आराम से उत्तर के थोड़ा घूम लिया साथ मे चम्बा में नास्ता भी कर लिया 2 समोसों का । यहां बस में हरिद्वार से आये इशांत भाई से बात हुयी जो एडवांस कोर्स करने NIM ही जा रहे थे उनसे दोस्ती हो गयी तो पता चला कि उन्होंने JIM (जवाहर इंस्ट्यूट ऑफ़ माउंट्रेनिंग सोनमर्ग)  से बेसिक कोर्स किया है पिछले साल, बस उत्तरकाशी तक उनसे कोर्स की जानकारी ले ली ओर साथ मे थोड़ी नींद भी ।

       हम दोपहर 1:30 पे उत्तरकाशी पहुंच गए यहाँ पे NIM का एक रिसेप्सन बना था  होटल भंडारी के अंदर बस स्टैंड के सामने ही , वहाँ जाके एंट्री करवाई ओर खाना भी वही खाया, वहाँ हमे साथ वाले कई स्टूडेन्ट भी मिल गए, सबसे पहले जो एडवांस करने आये उनसे जल्दी से जल्दी ज्यादा जानकारी लेले आगे जाने के बाद ये मौका मिले की नहीं और साथ में वो ही बता सकते थे की हमारे साथ आगे एक महीने तक क्या होने वाला है बस लग गए फिर , तक़रीबन 1 घंटे तक वही चर्चा चलती रही ज्यादा कुछ समझ तो आया नहीं पर हा सबने एक बात जरूर बोली जो भी होगा अच्छा ही होगा , NIM ने वहा से इंस्टिट्यूट तक लाने के लिए एक बस भी लगा रखी थी उसी से हम इंस्टीट्यूट के लिए निकल गए , उत्तरकाशी से NIM तकरीबन 3 किमी दूर है तो 10 मिनट में पहुंच भी गए |

     वाह जैसा नाम सुना था वैसी ही व्यवस्था,  हरा भरा एरिया बड़े बड़े चीड़ के पेड़, शानदार भवन, बहुत बड़ा कैम्प्स, आर्मी एरिया की तरह साफ़ सुथरा , बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स बानी हुयी है कुछ जगह मिस्त्री भी लगे है, भाई मुझे ये सब बहुत पसंद आया,  यहाँ आते ही सबसे पहले एंट्री हुई हॉस्टल में ही वहा रेखा मेडम और मनीष सर ने हमारी कागज चेक किये कुछ लोगो की फीस बाकि थी वो ली,
फिर होस्टल में रूम अलॉट कर दिए मेरा कमरा नम्बर 12 है,एक कमरे में 6 लोगो को रोका गया बेसिक और एडवांस के रूम अलग अलग थे शाम तक सभी साथियों के साथ मेल मिलाप चला, सबसे चर्चा यही हुयी की आगे क्या होगा। .... कुछ साथयो के घर से किसी दूसरे ने पहले कोर्स किया हुआ था तो उन्होंने भी कुछ जानकारी दी खेर समय जल्दी बीत गया और फिर रात का खाना खाने का समय आगया, NIM का पहला खाना साधारण पर पोस्टिक और स्वादिस्ट था एक दाल और साथ में पता गोभी की सब्जी और हा भात खाने वालो के लिए चावल भी थे और रोटी वालो के लिए बढ़िया रोटियां, खाना खा के हम सो गए सुबह 4:45 उठने को । अगले भाग में पहले दिन का सारा वर्तन्त लेके जल्दी ही हाजिर होयुगा |


NIM का मेरा पूरा तजुर्बा आप क्रम के हिसाब से नीचे दिए लिंक से पढ़ सकते है -
1.NIM -Nehru Institute Of​​ Mountaineering.......बेसिक कोर्स मेरे साथ
2.NIM में ट्रेनिंग का श्री गणेश DAY -1

3. NIM Basic Mountaineering Course Day-2

हरिद्वार से उत्तरकाशी जाने वाली बस -

उत्तरकाशी का विहंगम दर्शय                       


NIM में बना हमारा हॉस्टल और साथ में है सिनेमा हाल


हॉस्टल के अंदर का फोटो

हॉस्टल में हमारा रूम

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